क्या तलाक के लिये पति-पत्नी को अलग-अलग रहना जरूरी है। पिछले 23 वर्षों से हम एक साथ हैं लेकिन सिर्फ दिखावे के लिये पत्नी साथ नहीं रहना चाहती है। मैं दुबई में काम करता था और पिछले 11 साल से भारत मे रह रहा हूँ अपनी पत्नी के साथ। मेरे एक बेटी है जो राजस्थान में होस्टल में रह कर पढती है। मैं और मेरी पत्नी मेँ अभी बनती नहीं है। वो बहुत ज्यादा शंका करने वाली और बदमिजाज औरत है। मेरी एक और बेटी थी लेकिन वह ढाई साल की उम्र में ही मर गई थी क्योंकी मेरी पत्नी उसे बहुत पीटती थी। उस समय मैं दुबई में रहता था। इसलिये मैं कुछ नहीं कर पाया। मैं अब दूसरी शादी करना चाहता हूँ इसलिए मैं अपनी पत्नी से तलाक चाहता हूँ। मैंने बहुत मुश्किल से उसे म्यूचुयल तलाक के लिये मनाया हूँ। मैने एक वकील से सम्पर्क किया लेकिन उनका कहना है कि म्यूचुयल तलाक नहीं हो सकता क्योंकी मैं और मेरि पत्नी एक साथ रहते हैं। मेरी पत्नी अपने मायके नहीं रहना चाहती क्योंकि उसके माता-पिता अब इस दुनियां में नहीं हैं तथा वह अपने भाई के पास रहना नहीं चाहती हैं। क्या ऐसी स्थिति में मुझे तलाक नहीं मिल सकता है?
प्रश्न पूछा गया: हरियाणा से
हिंदू विवाह अधिनियम के धारा 13 बी के तहत आपसी सहमति से विवाह विच्छेद के लिये पक्षकारों (पति-पत्नी) को एक वर्ष या अधिक समय से अलग रहना चाहिए। यहाँ अलग या पृथक रहने का तात्पर्य पक्षकारों का पृथक स्थानों पर निवास करना नहीं है। यहाँ पृथक रहने का तात्पर्य वैवाहिक रिश्ता या दाम्पत्य जीवन के पृथकता से हैं। यदि विवाह के पक्षकार एक ही छत के नीचे निवास कर रहे हैं लेकिन उनके बीच दाम्पत्य रिश्ता या दाम्पत्य जीवन पूर्णतया समाप्त हो गया है तो विधि की दृष्टि में कहा जायेगा कि वे पृथक रह रहे हैं।
यदि वह पृथक्करण एक या एक से अधिक वर्षों से है तो वे हिंदू विवाह अधिनियम के धारा 13 बी के तहत आपसी सहमति से विवाह विच्छेद के लिये वाद दाखिल कर सकते हैं, यदि निम्नलिखित शर्तें पूरी हो रही हैं:
- विवाह के पक्षकारों का अब एक साथ रहना असंभव है। और
- विवाह के पक्षकारों ने विवाह को समाप्त करने के निर्णय कर लिया है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सुरेष्ठा देवी बनाम ओम प्रकाश 1991 में निर्णीत किया है कि धारा 13 बी के तहत अलग रहने का तात्पर्य, पति-पत्नी का एक दूसरे के प्रति दाम्पत्य उत्तरदायित्व के पालन से खुद को पृथक कर लेना है। जब ऐसा पृथक्करण एक या अधिक वर्षों से है, उनका एक साथ रहना असंभव है और वें अपने विवाह को समाप्त करने के लिए सहमत हो गये हैं तो हिंदू विवाह अधिनियम के धारा 13 बी के तहत आपसी सहमति से विवाह विच्छेद के लिये आवश्यक सभी शर्तें पूरी हो जाती हैं।
अतः उपरोक्त निर्णय के क्रम में यदि आप के बीच आपसी सहमति से विवाह विच्छेद की राय बन जाती है तो हिंदू विवाह अधिनियम के धारा 13 बी के तहत आपसी सहमति से विवाह विच्छेद के लिये वाद दाखिल किया जा सकता है, चाहे आप पति-पत्नी एक ही छत के नीचे साथ-साथ निवास कर रहे हों।
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